पाठ में आए वाक्य-‘लोचा-लोचा फिर है’ के बदले ‘ढीला-ढाला हो गया है’ या ‘बहुत कमजोर हो गया है’ लिखा जा सकता है। लेकिन लेखक ने संवाद में विशेषता लाने के लिए बोलियों के रंग-ढंग का उपयोग किया है। इस पाठ में इस तरह की अन्य पंक्तियाँ भी हैं, जैसे-

- इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं,


- राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया,


- तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है।


अनुमान लगाओ, इन पंक्तियों को दूसरे ढंग से कैसे लिखा जा सकता है?


इन पंक्तियों को निम्न तरीकों से लिखा जा सकता है-

1. कितनी नई-नई बीमारियां निकली हैं।


2. इन तरह-तरह की बीमारियों ने तंग कर दिया है।


3. तुम तो बहाने बनाने में माहिर निकले।


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